जमीन मालिक का नाम बदलना-
कानूनी भाषा में म्यूटेशन LAND MUTATION का मतलब रेवेन्यू रिकॉर्ड्स में प्रॉपर्टी के टाइटल के मालिक का
नाम बदलने से है. अगर टाइटिल को किसी अन्य व्यक्ति के नाम
ट्रांसफर दर्ज कराना ही नामान्तरण कहलाता है इसके लिए इलाके के तहसीलदार या सक्षम पदाधिकारी
को एक एप्लिकेशन देनी होगी.
LAND MUTATION-
--लैंड
म्युटेशन ई मित्रा पर चालू कर दी गयी जिसकी परक्रिया निम्न हैं
-- यूटिलिटी में REVENUE MUTATION
लगाये
-- आवेदक का नाम / पिता का नाम
-- मोबाइल नंबर
-- जिला चुने
-- नामान्तरण का प्रकार चुने
-- बैंक से लोन का
नामान्तरण – रहन मुक्त दस्तावेज
- विरासत का नामान्तरण
/ DEATH सर्टिफिकेट
- बेचान का नामान्तरण
- गिफ्टेड का नामान्तरण
- खसरा संख्या यहाँ से प्राप्त करे
जमीन म्यूटेशन LAND MUTATION कैसे किया जाता है
अगर आपने प्रॉपर्टी खरीदी है: इस
मामले में जो दस्तावेज आपको प्रॉपर्टी म्यूटेशन के लिए जमा कराने हैं, उनमें सेल डीड की कॉपी, प्रॉपर्टी म्यूटेशन की एप्लिकेशन, जिस पर 3 रुपये की कोर्ट फीस स्टैंप चिपकी हो, 100 रुपयेके स्टैंप पेपर पर एक हर्जाना बॉन्ड, 10 रुपये के स्टैंप पेपर पर एक एफिडेविट और लेटेस्ट प्रॉपर्टी
टैक्स देना होता हैं
म्यूटेशन LAND MUTATION कितने दिन में होता है
यह अभिलेख ऑनलाइन म्यूटेशन का आवेदन पाने के तीन दिन के अंदर में वाद अभिलेख (मतलब आवेदन संख्या और वर्ष सहित) खोला
जायेगा। इसके बाद अंचल अधिकारी राजस्व कर्मचारी को पाए गए आवेदन के मामले की जांच
का आदेश देगा।
जमीन खरीद के दौरान किन चीजों की बरतें सावधानी, जानिए
1. जमीन खरीदते वक्त टाइटल की जांच जरूर करें
2. सब-रजिस्ट्रार के दफ्तरों में खोज करें
3. जमीन खरीद के लिए पब्लिक नोटिस
4. पावर ऑफ अटॉर्नी
5. जमीन खरीदने से पहले इन चीज़ों की करें जांच
6. भूमि खरीद के लिए मूल दस्तावेजों की वेरिफिकेशन
7. जमीन खरीद के लिए अप्रूवल और परमिशन
भूमि कितने प्रकार की होती हैं
·
वन की भूमि
·
बंजर अथवा कृषि
के योग्य भूमि
·
गैर कृषि के
योग्य भूमि
·
कृषि के योग्य भूमि
·
स्थाई पशुओं के
लिए चारागाह भूमि
·
वृक्षों एवं
झाड़ियों के अंतर्गत भूमि
·
चालू परती भूमि
·
अन्य परती भूमि
दाखिल खारिज करना क्या होता है
LAND MUTATION दाखिल खारिज एक ऐसी प्रक्रिया है जो सरकारी रिकॉर्ड में आपके द्वारा खरीदी गई
जमीन को आपके नाम पर ट्रांसफर करता है. दाखिल खारिज कराने के बाद ही आपको कानूनी रूप से उस जमीन या प्रॉपर्टी का
मालिकाना हक मिलता है. धोखाधड़ी के मामलों में ज्यादातर दाखिल खारिज से जुड़े मामले ही सामने आते
दाखिल खारिज कौन करता है
प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री कराने के
बाद दाखिल खारिज यानी म्यूटेशन के लिए तहसील में आवेदन दिया जाता है. इसके आधार पर
क्षेत्रीय लेखपाल यह जांच करता है कि जिस व्यक्ति ने प्रॉपर्टी बेची है वह उसके नाम पर खतौनी है
या नहीं. खतौनी में नाम होने पर लेखपाल इस फाइल को प्रमाणित करके आगे बढ़ाता है
दाखिल खारिज में कितना खर्च आता है
अब अगर आप सोच रहे हैं कि दाखिल खारिज कराने में कितना पैसा लगता है तो आपको बता दें कि अगर आप ऑफलाइन रूप से भूमि एवं राजस्व विभाग
के दफ्तर में दाखिल खारिज के लिए आवेदन करते हैं तो सर्किल अफसर के द्वारा दाखिल ख़ारिज बिहार की फीस बीस रूपये लेकर खाता पुस्तिका देने का
प्रावधान है
धारा 143 के तहत कृषि भूमि को अकृषि या व्यसाहिक भूमि रूप में बदला जा सकता
है। किसान इस जमीन का उपयोग अपनी मर्जी से चाहे जिस काम के लिए कर सकता है, लेकिन जमीन उसी यानी किसान के ही नाम रहती है। यह प्रक्रिया पूरी होने के बाद
किसान उस जमीन का उपयोग अपनी मर्जी से कर सकता है।
जमीन की रजिस्ट्री होने के कितने
दिन बाद दाखिल खारिज होता है
90 दिनों में अनिवार्य होगा जमीन का दाखिल-खारिज
जमीन की रजिस्ट्री कितने दिन में
होती है
आपत्ति को दर्ज कराने के लिए
विभिन्न राज्यों में अलग-अलग अवधि को निर्धारित किया गया है. देश की सबसे ज्यादा आबादी
वाले राज्य उत्तर प्रदेश में आपत्ति दर्ज कराने के लिए 90 दिन की अवधि निर्धारित है और इस अवधि में तहसीलदार कार्यालय में कभी भी
आपत्ति दर्ज करा सकते हैं.
जमीन का दाखिल खारिज हुआ है कि नहीं
कैसे पता करें
दाखिल खारिज का सर्टिफिकेट (Dakhil Kharij certificate)
डाउनलोड करने के लिए सबसे पहले
ऑफिसियल वेबसाइट http://upbhulekh.gov.in पर जाना होगा जहाँ खतौनी (अधिकार अभिलेख) की नक़ल लेनी होगी
दाखिल खारिज कौन रोक सकता है
इसके लिए केवल कर्मचारी व अंचल
अधिकारी की रिपोर्ट को ही आधार नहीं माना जा सकता है। कोई भी निर्णय लेने के पहले अंचल अधिकारी को आवेदनकर्ता का हर
हाल में सुनना होगा। किसी मामले में दो पक्ष आमने-सामने हैं तो दोनों पक्षों को
सुनना पड़ेगा। बिना किसी ठोस कारण के आवेदन रद करने वाले सीओ के खिलाफ कार्रवाई
होगी।
दाखिल खारिज आपत्ति कैसे करे-
नई प्रक्रिया में निबंधन कार्यालय
से ही रजिस्ट्री के समय ही संबंधित पक्षों से नामांतरण अथवा खारिज-दाखिल के लिए शपथ-पत्र ऑनलाइन आरसीसीएसए पर अग्रसारित किए जाएंगे।
अग्रसारित होते ही नामांतरण अथवा खारिज-दाखिल का वाद दायर हो जाएगा। जमीन की खारिज-दाखिल कराने के लिए लोगों को अब तहसील के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे।
जमीन बैनामा खारिज हो सकता है
प्रदेश में इसके लिए 90 दिन की अवधि निर्धारित है. इस दरम्यान तहसीलदार
कार्यालय में कभी भी आपत्ति दर्ज कराई जा सकती है. अगर विक्रेता को प्रॉपर्टी की
पूरी कीमत नहीं मिल पाई है तो वह आपत्ति दर्ज कराकर इसका दाखिल खारिज रुकवा सकता है. इस स्थिति में प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री खारिज हो जाएगी
जमीन खरीदने के लिए कौन सा दिन शुभ होता है
जमीन खरीदने के लिए कुछ शुभ दिन होते हैं। जिसमें जमीन खरीदा जाए, तो वह शुभ होता है। वह दिन है। गुरुवार और शुक्रवार का दिन अच्छा माना जाता हैं
नामांतरण और दाखिल खारिज में क्या अंतर है
बैनामा (विक्रय पत्र) के बाद जब
क्रेता सरकारी अभिलेखों में विक्रेता का नाम हटवा कर अपना नाम दर्ज करवाता है तो
उस कार्रवाई को खारिज दाखिल कहते हैं।
राजस्व की धारा 80 क्या होती हैं
आवेदक द्वारा धारा-80 के अन्तर्गत भूमि की गैर-कृषिक घोषणा हेतु आवेदन प्राप्त होने पर
संबंधित उपजिलाधिकारी के न्यायालय में इसे "राजस्व न्यायालय कम्प्यूटरीकृत प्रबन्धन प्रणाली में दर्ज किया जायेगा
जिससे उक्त आवेदन के सम्बन्ध में एक कम्प्यूटरीकृत वाद संख्या स्वजनित प्राप्त हो
जायेगी व उसकी सूचना आवेदक को SMS से दी जाती हैं
90 B किसे कहते हैं
90 बी के तहत भू रूपांतरण करवाने पर पहले किसान जमीन को जेडीए या अन्य
किसी स्वायत्तशाषी को समर्पित करता था। उसमें अगर ले आउट प्लान में कोई गड़बड़ी
होता या अन्य किसी कारण से मंजूरी नहीं होती तो जमीन जेडीए या उस संस्था के नाम रह
जाती थी।
रजिस्ट्री कब कैंसिल होती है
भू-राजस्व, निबंधन एवं भूमि सुधार विभाग ने फर्जी रजिस्ट्री रद्द करने का अधिकार डीसी सह जिला निबंधक को दे दिया है। अपने
फैसले में विभाग ने कहा है कि राज्य के सभी डीसी अपने-अपने जिले में तीन महीने के
अंदर फर्जी रजिस्ट्री के मामलों की जांच कर पट्टा रद्द करें।
रजिस्ट्री कितने प्रकार के होते हैं
जमीन का वर्गीकरण छह से सात
श्रेणियों में करने की योजना है। राजधानी समेत सूबे के सभी शहरी निकायों में अब
जमीन की रजिस्ट्री भी इन्हीं छह-सात श्रेणियों में होगी। भूमि के वर्गीकरण का जिम्मा
तीन विभागों को सौंपा है।
जिसमें निबंधन एवं उत्पाद विभाग, नगर विकास आवास विभाग और राजस्व एवं भूमि सुधार को शामिल किया गया
है।
जमीन के पुराने रिकॉर्ड कैसे देखें?
जमाबंदी नकल प्राप्त करके आप उस
भूमि का पूरा पुराना रिकॉर्ड देख सक्ते है। जमीन की रजिस्ट्री ऑनलाइन चेक करने के लिए सबसे पहले आपको भूलेख की
ऑनलाइन वेबसाइट https://upbhulekh.gov.in/ पर जाना है, आपको इस वेबसाइट के होम पेज पर “खतौनी की नकल देखे” का ऑप्शन पर क्लिक करना है।
बैनामा रजिस्ट्री में क्या अंतर है
रजिस्ट्री और बैनामा में कोई अन्तर नही हैं। विक्रय पत्र को ही रजिस्ट्री व उर्दू में बैनामा कहा
जाता हैं इसमे कोई अंतर नहीं है।
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